Friday 6 April 2018

महक का जादू 4

रिया ने हसते हूए मुखे चूमा और बोली
" हाय रे मेरी भोली बन्नो ...... तू बस मैं बोलू वैसा करती जा .... मैं तुम्हे सब सिखा दूंगी "मैं : "प्लीज़ यार रिया ... बता ना ये सब "रिया ने मेरे होटो पर ऊँगली रखी और मुझे चुप किया .उसने मुझे बताया की हम पहले अपने शारीर की जानकारी लेते है. उसने मुझे उसके वस्त्र उतरने के लिए बोला.मैं जल्दी जल्दी उसके कपडे उतरने लगी तो उसने मुझे टोका और बोली "जरा प्यार से…… नजाकत से उतारो मेरी जान "अब मैं भी मूड में आ गई मैंने उसके चहरे को अपने हथेलियों से पकड़ा और एक जोरदार चुम्बन ले लिया फिर धीरेसे अपने हाथ उसकी छातियो पर रखे और उनका मर्दन करना शुरू किया धीरे धीरे मैं अपने हाथो को निचा करती गई और उसका टॉप निचेसे पकड़ा .... उसकी होटो को चूसते हूए मैं धीरे धीरे टॉप ऊपर उठाने लगी .... एक पल के लिए चुम्बन तोड़ते हुए मैंने टॉप को उसके सर से निकला ......... उसका टॉप उतारते ही जैसे मेरे नजरो के सामने बिजली कौंध गयी. उसने टॉप के निचे एक जालीदार काले रंग की ब्रा पहन रखी थी ..... ब्रा मैं कैद उसके वो सावले स्तन गजब ढा रहे थे .... मैं अपने आप को रोक नहीं पाई.... मैंने ब्रा के ऊपरसे ही उसके स्तनों को चूमना शुरू किया ...... थोड़ी देर चूमने के बाद रिया ने मुझे आगे बढ़ने को कहा.....और उसने मेरे हाथो को गाइड करते हूए उसकी ब्रा के हूक दिखाए. बड़े प्रयास के बाद मैं वो हूक खोल पायी.जैसे ही हूक खुला ... उसकी वो दो कबूतर उछलकर मेरे चेहरे से टकराये. हाय क्या संतरे थे....... उसके निप्पल तो मनो काले जामुन लग रहे थे .....मैं अपने आपको रोक ना पायी और अपने मुह में भर लिया ...... मैं अपने दातोसे निप्पल को चुभलाने लगी ...... दुसरे संतरे को अपने हाथोसे दबाने लगी ........ रियाने फिर मुझे रोका और बोली "मेरी जान इनसे बाद में खेलना.... अभी तो निचे भी बाकी है "मैं थोडा रुक गई .... लेकिन एक पॉझ लेकर मैं फिरसे उसकी आज्ञा का पालन करने लगी ...... जैसे मैं पूरी तरहसे उसकी काबू में थी रियाने नेचे बेहद टाइट जींस पहनी थी. मैंने उसकी हूक को खोलने का प्रयास किया ....... अचानक मेरे दिल में एक ख्याल आया ........ मैं निचे झुकी और अपनी दातो से हूक खोलने लगी ..... इस प्रयास में मेरे होट कई बार उसकी नाभि से छुए......रियाने अति उत्तेजना से अपनी आखे बंद की और मेरा सर पकड़कर अपनी नाभि पर दबाया. मेरी मेहनत आखिर रंग लाई. और हूक खुल गयी मैंने उसकी जिप को भी खोला और उसे बेड पर धकेल दिया ........ अब मैं उसकी जींस को निचे से पकड़कर खीचने लगी ...... थोड़ी ही देर में उसकी जींस मेरे हाथो में थी .......
रिया ने ब्रा से मिलती जुलती काले रंग की जालीदार पैंटी पहनी थी ...... 
उसकी वो बाल रहित चिकनी पिंडलिया और जांघे देख के तो मैं दंग रह गई.मैं बोली "अभी तेरी पैंटी बाकि है....... "रिया:" बाद में उतरना ....."मैं : " और मेरे कपडे?"रिया ने बताया की अभी मेरे कपडे नहीं उतरना है ..... अगर मेरे कपडे उतर गए तो वो कंट्रोल नहीं कर पाएंगी .... और फिर जो करना है वो सब सिर्फ रिया ही करेंगी. मैं भी समझ गयी. और उसकी अगली आज्ञा का इंतजार करने लगी.रिया बेड पर पसर गयी .... उसने मुझे बोला की मैं उसे सर से लेके पाव तक प्यार करू (चुमू) ... मैंने वैसा ही करना शुरू किया ...... पहले मैंने उसके माथे को चूमा , फिर नाक, और फिर उसकी रसभरे होट ( यहाँ मुझे कुछ ज्यदाही समय लगा) फिर मैं उसकी गर्दन को चूमती निचे की ओर बढ़ी मैंने उसके चिकने कंधो को चूमा ...... रिया ने अपने हाथो को थोडा ऊपर अपने सर की ओर खिसका दिया ..... अब उसकी कान्खोमे बालो का गुच्छा दिखाई दिया ... मैं गौर से देखने गयी ...... तो मुझे एक मादक सी खुशबू आई ..... मेरे ध्यान में आया की वह मादक सी महक रिया की बगलोसे आ रही थी. मैंने झट से अपनी नाक उसकी बगलों में घुसा कर ..... लम्बी साँसे लेती हुए उस खुशबू को पीना शुरू किया . मैं अपनी सुधबुध खो चुकी थी. रियाने मुझे आगे बढ़ने को कहा , लेकिन मैं सुन न सकी , मेरा ध्यान उस मनमोहिनी महक में उलझा था. रिया बोली " क्या मेरी रानी को ये बहोत पसंद आयी?"मैंने हामी भर दी ... और फिर दूसरी बगल को सूंघने लगी. न जाने क्या ख़ास बात थी उस महक में ....... मन ही नहीं भर रहा था ......ऐसा लग रहा था की बस उसको अपने आप में समाती जाऊ...... दोस्तों उस वक्त मैं जानती नहीं थी की इस जादुई महक का मेरी जिंदगीसे कितना करीबी रिश्ता होने वाला है ...... इस महक की जादू मेरे जीवन में क्या..क्या करिश्मे करने वाली है.मैं पागलो की तरह रिया की बगलों को सूंघती... चाटती चली जा रही थी ......रिया ने बड़ी मुश्किल से मुझे रोका और मेरा सर अपने छाती पर दबाया ..... अगले कुछ मिनिटो तक मैं उसकी उरोजो में खो गई .... हाय .... उसकी वो बड़ी बड़ी छतिया ...... और उसके वो फुले हूए निप्पल ......मेरे मुह में पानी आ गया ....... मैं पागलो की तरह उनको चूमने और चाटने लगी .... बिच बिच में मैं उसे हलकासा काट भी लेती थी .....रिया पागलो की तरह सिसकने लगी ........ थोड़ी देर बाद उसने मुझे निचे बढ़ने को बोला अब मैं उसकी नाभि को चूमने लगी .... थोड़ी देर उसकी नाभि को चूमने के बाद मैं थोड़ी निचे सरकी ....... मैंने देखा रिया की पैंटी ...... जैसे भीग गयी थी .... एक मनमोहक खुशबू सी आ रही थी ....... मैंने उसको नीची की और खीचना शुरू किया ...... कड़ी मेहनत से मैंने उसकी पैंटी को अलग किया .......हाय....... क्या मनोरम दृश्य था ...... रिया की ...... बिलकुल सफाचट .......डबल रोटी की तरह फूली हूई सावली योनी से नजर नहीं हट रही थी .रियाने मेरा हाथ पकड़कर उसे उसकी योनी पर रख दिया. उसकी योनी को छूते ही .... रिया सिस्कार उठी ....." स्स स्स स्स ......स्स स्स स्स .......हाय ..... 



 मैंने जींस को बाजुमे उछल दिया और सामने देखा ...... 
रियाने अब मुझे रुकने को बोला . 



रिया के मनभावन उरोज 

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