Saturday 7 April 2018

महक का जादू 8


मै रिया की तरफ देख के मुसकूराई .... और बोली

हा मेरी जान .... करवाती हू .... लेकीन जरा स्टाईल से इतना कहके मैने उसके दोनो हाथ पकडकर उपर की ओर दबा दिये... . .... और उसके होठो पे टूट पडीमैने उसके रसभरे होठो को अपने होठो से चूसने लगी।
वो भी मस्ती मे आगई थी ... उसने भी पुरा सहयोग देना शुरू कीया।
चूसते चूसते मै ने उसके होठोको दातो से काट लिया ।
स्स... स्सं.... स्स .... उ ....फ्फ ...... स्स स्स स्स
रिया दर्द से सिसिया ऊठी ।
मेरी ओर शिकायत से देखते हुए बोली
जरा धिरेसे मेरी जान .... ऐसा जंगली की तरह क्यो बीहेव कर रही हो ?”
मै : चूप चाप बैठ मेरी रानी .......मै कल की रात भुली नाही हू .... अब तो मै ऐसे हीजंगली प्यार करूंगी
इतना कहके मैंने उसके निप्पल चुटकी में भर के उमेठे .
"हा ...य .......स्सस्स्स्स ........आ .... उ ..च...." रिया कसमसाई
मैंने उसके उरोजो को आटा गूंधने की तरह मसलना शुरू किया .
रिया छटपटा रही थी ..... मैंने उसके नितिम्बो पर एक चपत लगाई
मैं : "मेरी जान आज तो तुमको ... ये सारा सहना ही पड़ेगा.... ज्यादा नखरे मत दिखा "
एकतरफ मैं उसके स्तनोका जोरदार मर्दन कर रही थी तो दूसरी और उसके रसभरे अधरों को चूस रही थी , काट रही थी
रिया बेचारी खूब छटपटा रही थी ... .... उसमे थोडा मिठा सा दर्द भी था और जवानी के खेल का उन्माद भी .
अब मैं थोडा निचे सरकी .... मेरी हाथ उसकी फूलसी योनी को सहलाने लगे. ...... और मेरा मुह उसके छातियो पे था .....मैंने उसके निप्पलस को चूसा .....चाटा......... रिया पूरी मस्ती में आ गयी थी .. ... की मैंने उसके दाए स्तनको जोरोसो काटा
"अ ....आ.....आ.... म...ह...क.......स्स....स्स्स्स....स्स्स्स..... हा......य... म........उ ..."
मेरे हाथोने फिरसे अपना काम किया .... उसके कुल्लोपर एक जोरदार तमाचा जड़ दिया ......
उसके वो भरे भरे से कुल्ले उस मार से लाल दिखने लगे
रिया तड़प के रह गयी .... वो बोली
"यार महक ... प्लीज़ .... आरामसे कर ना...."
मैं हँसी और फिरसे उसके बाए स्तनको काट खाया .....
"आ .... उ... च... स्स स्सस्सस्स स्स्स्स ...... उ..... फ्फ ....."
मैंने रिया की आँखों में देखा .... उसकी आँखे दर्द की वजह से भर आयी थी .....
मैं: "बस इसीतरह सहती जा मेरी रानी ....... कम्प्लेंट की तो ..... फिर मार पड़ेगी ......"
मैंने अपना नोचना खसोटना जारी रखा ...
मैं दीवानों की तरह उस नाजुक सी योनी पर टूट पड़ी .....
कभी उसे चाटती तो कभी उन्ग्लियोसे उसका दाना छेड़ती
रिया पर भी मस्ती तारी होने लगी.... वो कमर उचका उचका कर चुसवाने लगी .... 
मैंने उसको उल्टा किया .... अब उसकी मजेदार गांड मेरी आंखोके सामने थी ..... 
अभी अभी मैंने उसे मार मार के लाल किया था .....
मैं जीभ बहार निकल कर उसको चाटने लगी ....
...... रिया तिलमिलाई ...... मैंने उसे ताकत लगाके निचे दबा रखा था ..
... इसलिए बेचारी जादा कुछ न कर पाई और उसने अपने आप को ढीला छोड़ दिया ......
दो तिन बार फिर उसके कुल्लो पर काटने के बाद मैंने उसके पैरोको चौड़ा किया ..
.. दोनों कुल्ले अपने दोनों हथेलियों में भरके उनको उमेठा ताकि गांड की दरार खुल जाए .......
अब मैं अपने आपको रोक नहीं पाई ....
.... मैंने अपनी नाक उस प्यारी सी दरार में घुसा दिया और उसकी महक को सूघने लगी .
कलोन वाटर की भिभी खुशबू .... मुझे दीवाना बना रही थी .........
मैंने अपनी उन्ग्लियोसे उसके गुदाद्वार को बड़ा किया और उसमे अपनी जीभ घुसा कर चाटने लगी 
मैंने थोडा ऊपर मुह करके बोला 
"रिया मेरी जान ....... अपने दोनों हाथोसे अपनी चूत अच्छी तरहसे बंद करले ...... एक बूंद भी निचे गिरनी नहीं चाहिए ...... समझी ."
इतना बोल के मैं फिर अपने काम में जूट गयी .... मैंने अपनी एक ऊँगली उसके गांड के छेद में घुसाई और साथसाथ मेरी जीभ को भी अन्दर घुसा ने की कोशिस करने लगी ......
फिर मैंने अपना मुह उस छेद से चिपकाया ....... अपनी जीभ घुमा कर उसे और भी रसीला बनाया ......
और फिर जोरजोरसे चूसने लगी ...... 
दो मिनिट में नतीजा सामने था ...
... रिया झटके देने लगी थी ...... मैं समझ गयी ..
... रिया को पलटा कर उसकी चूत से मुह चिपका दिया ......
रिया ने कस के मेरा मुह अपनी चूत पर दबाया ........ और झड़ने लगी 
मैंने भी उस अमृत को तबतक सोखा जब तक रिया ठंडी नहीं पड़ी .....
हम थोड़ी देर तक वैसेही पड़े रहे .......फिर एक दुसरे को लिपटकर चूमा ......
हम प्यारसे एक दुसरे की आंखोमे देख रहे थे ....... 
फिर रियाने चुप्पी तोड़ते हुए कहा ....
" चलो महारानी .... नहा धो के निचे जायेगे ..... और अच्छे बच्चो की तरह कोलेज जायेंगे ...."
फिर हम दोनों साथ साथ नहाये .... उसने मेरे सारे अंगोको साबुन लगाया .... मैंने भी उसे साबुन लाया .... और एक दुसरे को चुमते चाटते हमने नहाना ख़तम किया .
फटाफट कपडे पहनके हम निचे जाने लगे ...... की रिया को कुछ याद आया ..... 
उसने बैग में से एक मैगज़ीन जैसी किताब निकाली .... और बोली 
"यह किताब अच्छी तरह से पढना ....... बहोत इम्पोरटेंट है ...... और किसीको दिखाना मत ....."
मैं उत्सुकता से उस किताब को देखने लगी तो रियाने बोला 
"अभी इसे कही छुपा दे ..... रात में पढना ...."
मैंने वो किताब मेरी आलमारी में छुपा दी....
और हम निचे की और चल दिए ......
निचे मामी के साथ जल्दिजल्दी में नाश्ता किया .... और फिर कोलेज की और निकल पड़े .......
मैं सोच रही थी की रिया और मेरी उम्र लगभग एक ही है . लेकिन फिर भी उसे सेक्स के बारे में इतना कुछ कैसे पता ?

 थोडा टाइम और स्तानोसे खेलने के बाद मैं अपनी जीभ घुमाते घुमाते उसकी योनी पर पहुंची 
हाय क्या चूत थी उसकी ......... पानी आ गया मुह में ......

फिर अपने दोनों हाथोसे उसके दोनों कुल्ले अन्दर की तरफ दबाये उसे मुह में भर लिया और जोरोसे काटा


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